2 line shayari in hindi on valentine day
यहाँ 25 खूबसूरत दो लाइन की शायरी दी गई हैं, जो प्रसिद्ध शायरों की रचनाएँ हैं, खासतौर पर वेलेंटाइन डे के लिए! ❤️✨
हम को मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन
दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है
— मिर्ज़ा ग़ालिब
इश्क़ पर जोर नहीं, है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बुझे
— मिर्ज़ा ग़ालिब
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
— हसरत मोहानी
इश्क़ में जीना इश्क़ में मरना, और हमें आता क्या है
दिल को जो देखा पूछ लिया, और हमें आता क्या है
— अहमद फ़राज़
हमसे पूछो क्या होता है पल-पल बीतना
इश्क़ का पहला ख़त लिखने में उम्र निकल जाती है
— जाँ निसार अख़्तर
तेरी आहट से ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है
तेरा नाम सुनते ही मेरी धड़कन बढ़ जाती है
— नज़ीर अकबराबादी
तेरा मिलना जैसे कोई ख्वाब हो
तेरा प्यार जैसे कोई किताब हो
— गुलज़ार
तुम मेरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता
— फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तुम्हें चाहा तो इश्क़ का ग़ुनाह कर बैठे
अब सज़ा जो भी हो, मंज़ूर हमें
— साहिर लुधियानवी
दिल में बसने वाले अजनबी लगते हैं
इश्क़ के रास्ते भी अजीब लगते हैं
— कैफ़ी आज़मी
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
— मिर्ज़ा ग़ालिब
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता
— निदा फ़ाज़ली
तू मिले या ना मिले ये मुकद्दर की बात है
हम कोशिश भी ना करें ये तो गलत बात है
— बशीर बद्र
पलकों में कैद कुछ सपने हैं
कुछ बेवजह, कुछ बेनाम अपने हैं
— जावेद अख़्तर
मैंने मोहब्बत की है, कोई गुनाह नहीं किया
फिर क्यों लोग कहते हैं, प्यार सज़ा बन गया
— राहत इंदौरी
तू पास नहीं तो क्या हुआ, प्यार तो तुझसे फिर भी है
तेरा एहसास ही काफी है, मेरी धड़कन के लिए
— गुलज़ार
इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के
— मिर्ज़ा ग़ालिब
किसी को चाहो तो इस तरह चाहो
कि कोई दूसरा चाहने की ख्वाहिश ही न करे
— वसीम बरेलवी
सिर्फ दो ही वक़्त पर तेरा साथ चाहिए
एक तो अभी और एक हमेशा के लिए
— इमरान प्रतापगढ़ी
मोहब्बत की हद न पूछो तुम हमसे
हमने सांसों से ज्यादा चाहा है तुझे
— अज्ञात
हम इश्क़ के मारों का इतना ही फ़साना है
रोना है, हंसाना है, हंस कर फिर रुलाना है
— कैफ़ भोपाली
तेरी हर बात मोहब्बत में ग़ज़ब होती है
बार-बार करने को जी चाहता है
— नज़ीर अकबराबादी
अब तो आ जाओ कि तन्हाई सहन नहीं होती
दिल पर लगी चोटें कहन नहीं होती
— शहरयार
इश्क़ हो या बारिश, जब बरसती है
तो छत टपक ही जाती है
— गुलज़ार
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं
जिगर चाहिए अपनी ही खुशियाँ बर्बाद करने के लिए
— राहत इंदौरी
ये शेर वेलेंटाइन डे पर आपके जज़्बात को बयां करने का बेहतरीन तरीका हो सकते हैं! 💕😊